क्रूस का रास्ता
प्रभु के दुःखभोग का स्मरण
क्रूस -रास्ता (Way of the cross)
संचालक : क्रूस का रास्ता पापियों का मन फिराने के लिए, धर्म में ढिलाई करने वालों को उत्साहित करने और भले लोगों को पवित्र करने का बड़ा लाभदायक उपाय है। क्रूस के रास्ते के समय, हम मन ही मन येसु के साथ कलवारी पहाड़ की शोकमयी यात्रा करते हैं। चलते-चलते और देखते- देखते हम अपने हृदय में प्रेम और धन्यवाद का भाव उत्पन्न करें। शुरू करने से पहले, सारे हृदय से पश्चताप की विनती बोलिए। इस बात का भी विचार कीजिए कि किसके लिए दण्डमोचन कमाना चाहते हैं, अपने लिए या शोधकाग्नि की आत्माओं के लिए।
(यह विनती हर स्थान पर अंत में बोलिये)
संचालक : हे पिता हमारे ...। प्रणाम मरिया ...। पिता और पुत्र और पवित्र आत्मा की महिमा हो ...।
संचालक : हे प्रभु दया कर
सब: हे ख्रीस्त दया कर।
संचालक : मरे हुए विश्वासियों की आत्माएँ
सब : ईश्वर की दया से शाँति में निवास करें। आमेन।
गीत : क्रूस के पास स्थित माता रोती, शोक से वह थी व्याकुल होती,
क्रूस पर येसु को देखके।।
येसु को प्राणदण्ड की आज्ञा मिलती है। (संत मरकुस 15:1-15)
संचालक : हम तेरी आराधना करते हैं, हे ख्रीस्त, और तुझे धन्य कहते हैं।
सब : क्योंकि तूने अपने पवित्र क्रूस के द्वारा दुनिया को बचाया।
संचालक : सिपाही लोग येसु को कोड़ों से मारके, और सिर पर काँटों का मुकुट धरके, उनको पिलातुस के सामने लाते हैं। पिलातुस बड़े अन्याय से येसु को प्राणदण्ड की आज्ञा देता है।
प्रार्थना : हे पूज्य येसु, तुझे प्राणदण्ड दिलाना पिलातुस का नहीं, पर मेरे पापों का काम था। मैं हाथ जोड़ के तुझसे विनती करता हूँ। तू अपनी इस दुःखमयी यात्रा के पुण्यफलों के द्वारा, जो यात्रा मैं स्वर्ग की ओर कर रहा हूँ, उसमें मुझे सहायता दे। हे येसु, मैं तुझे सबसे अधिक प्यार करता हूँ। मैं सारे हृदय से पछताता हूँ कि मैंने पाप किया है। ऐसा कर कि मैं तुझसे फिर कभी अलग न हो जाऊँ, पर तुझे सदा प्यार करूँ। अब जैसा तू चाहता है वैसा ही मेरे साथ कर।
गीत :
पहला स्थान
येसु को प्राणदण्ड की आज्ञा मिलती है। (संत मरकुस 15:1-15)
संचालक : हम तेरी आराधना करते हैं, हे ख्रीस्त, और तुझे धन्य कहते हैं।
सब : क्योंकि तूने अपने पवित्र क्रूस के द्वारा दुनिया को बचाया।
संचालक : सिपाही लोग येसु को कोड़ों से मारके, और सिर पर काँटों का मुकुट धरके, उनको पिलातुस के सामने लाते हैं। पिलातुस बड़े अन्याय से येसु को प्राणदण्ड की आज्ञा देता है।
प्रार्थना : हे पूज्य येसु, तुझे प्राणदण्ड दिलाना पिलातुस का नहीं, पर मेरे पापों का काम था। मैं हाथ जोड़ के तुझसे विनती करता हूँ। तू अपनी इस दुःखमयी यात्रा के पुण्यफलों के द्वारा, जो यात्रा मैं स्वर्ग की ओर कर रहा हूँ, उसमें मुझे सहायता दे। हे येसु, मैं तुझे सबसे अधिक प्यार करता हूँ। मैं सारे हृदय से पछताता हूँ कि मैंने पाप किया है। ऐसा कर कि मैं तुझसे फिर कभी अलग न हो जाऊँ, पर तुझे सदा प्यार करूँ। अब जैसा तू चाहता है वैसा ही मेरे साथ कर।
गीत :
उसका हृदय था कराहता,
शोक के मारे वह हाय मारता,
क्रूर तलवार से छिद जाके।।
दूसरा स्थान
येसु के कंधे पर क्रूस लादा जाता है। (संत योहन 19:17)
संचालक : हम तेरी आराधना करते हैं, हे ख्रीस्त, और तुझे धन्य कहते हैं।
सब : क्योंकि तूने अपने पवित्र क्रूस के द्वारा दुनिया को बचाया।
संचालक : येसु अपने कंधे पर भारी क्रूस ढोते-ढोते, हम को याद करते रहते थे। उन्होंने हमारे लिए अपने पिता को अपना मरण चढ़ाया।
प्रार्थना : हे प्राणप्यारे येसु, जो दुःख-कष्ट मुझे अपने मरण तक उठाने पड़ेंगे, उन्हें मैं सारे हृदय से ग्रहण करता हूँ। मैं गिड़गिड़ाके तुझसे विनती करता हूँ उस दुःख के पुण्यफलों द्वारा, जिसको तूने क्रूस ढोते समय उठाया, मुझे सहायता दे,जिससे मैं पूरे धीरज और त्याग से अपना क्रूस ढोऊँ।
गीत :
कैसी शोकित वह बेचारी,
कैसी दुःखित थी वह नारी,
ईश-एकलौते की जननी।।
तीसरा स्थान
येसु पहली बार क्रूस के नीचे गिरते हैं। (यशायाह 53:4-7; संत योहन 1:29)
संचालक : हम तेरी आराधना करते हैं, हे ख्रीस्त, और तुझे धन्य कहते हैं।
सब : क्योंकि तूने अपने पवित्र क्रूस के द्वारा दुनिया को बचाया।
संचालक : येसु का शरीर कोड़ों की मार से लोहू-लुहान हो गया था। उनके सिर पर काँटों का मुकुट था। वह इतना निर्बल बन गए थे कि मुश्किल से आगे चल सकते थे। तिसपर भी उन्हें क्रूस का भारी बोझ अपने कंधे पर ढोना ही पड़ा। सिपाही लोग उनको क्रूरता से मारते और ढकेलते थे, जिसका फल यह हुआ कि येसु भूमि पर गिर पड़े।
प्रार्थना : हे येसु, क्रूस का बोझ तो नहीं, पर मेरे पापों का बोझ तुझे इतना दुःख देता था। हे येसु,इस पहली बार गिरने के पुण्यफलों द्वारा, मुझे आत्मामारू पाप में गिरने से बचा।
गीत :
कैसा दुःख और पीड़ा पाती,
प्रेमी माँ की फटती छाती,
पूत पर देख पाप की करनी।।
चौथा स्थान
येसु और उनकी दुःखी माँ की भेंट। (संत लूकस 2:34-35; संत योहन 19:26-27;विलापगीत 1:12)
संचालक : हम तेरी आराधना करते हैं, हे ख्रीस्त, और तुझे धन्य कहते हैं।
सब : क्योंकि तूने अपने पवित्र क्रूस के द्वारा दुनिया को बचाया।
संचालक : उस दुःखमय मार्ग पर पुत्र और माँ की भेंट हुई। उनकी दृष्टि एक दूसरे के लिए दुःख की तलवार-सी थी, जो उनके प्रेममय हृदय को छेदती थी।
प्रार्थना : हे मधुर येसु, उस बड़े दुःख के द्वारा,जिसको तुझे इस भेंट में उठाना पड़ा, मेरे हृदय में पवित्र माँ के प्रति सच्ची भक्ति डाल दे। और तू मेरी रानी, जो दुःखसागर में डूबी थी, मुझे यह कृपा दिला कि मैं तेरे पुत्र के दुःखभोग की याद करूँ।
गीत :
कौन है निर्दय जो न रोता,
ख्रीस्त की माता पास जब होता,
देख कर उसको संकट में।।
पाँचवाँ स्थान
सिरिनी सिमोन क्रूस ढोने में येसु को सहायता देते हैं। (संत मरकुस 8:34, 15:21; 2तिमोथी 2:3)
संचालक : हम तेरी आराधना करते हैं, हे ख्रीस्त, और तुझे धन्य कहते हैं।
सब : क्योंकि तूने अपने पवित्र क्रूस के द्वारा दुनिया को बचाया।
संचालक : यह देख कर कि येसु मरने पर है, यहूदियों को बड़ा डर लगा, कि येसु रास्ते ही में न मर जाएँ। वे तो चाहते थे कि येसु क्रूस पर ही मर जाएँ। इसलिए उन्होंने एक आदमी को पकड़ कर,उसको येसु का क्रूस ढोने का हुक्म दिया।
प्रार्थना : हे प्राणप्यारे येसु, मैं सिमोन के समान तेरा क्रूस ढोने से इनकार न करूँगा। मैं आनन्द से उसको ग्रहण करता हूँ, मैं विशेष करके वह मरण और उसके सब दुःख ग्रहण करता हूँ जिसे तूने मेरे लिए ठहराया। मैं तेरे मरण के साथ-साथ यह सब कुछ तुझे चढ़ाता हूँ। तू प्रेम के कारण मेरे लिए मर गया, मैं भी तेरे लिए मरना चाहता हूँ। पर अपनी कृपा से मुझे सहायता दे।
गीत :
कौन है जो न शोक मनाता,
देखता जब वह ख्रीस्त की माता,
डूबी पूत के साथ दुःख में।।
छठवाँ स्थान
बेरोनिका येसु का चेहरा पोंछती है। (यशायाह 53:2-3; संत मत्ती 25:40)
संचालक : हम तेरी आराधना करते हैं, हे ख्रीस्त, और तुझे धन्य कहते हैं।
सब : क्योंकि तूने अपने पवित्र क्रूस के द्वारा दुनिया को बचाया।
संचालक : एक धर्मी स्त्री ने, जिसका नाम बेरोनिका था, यह देख कर कि येसु का चेहरा पसीने और लोहू से भरा हुआ है, उनको एक रूमाल दिया, जिससे वह अपना चेहरा पोंछ ले। और देखो, उनका पवित्र चेहरा रूमाल में छप गया।
प्रार्थना : हे प्राणप्यारे येसु, पहले तो तेरा चेहरा सुंदर था, पर इस दुःख के मार्ग में घावों और लोहू के कारण वह सुंदरता उड़ गयी। हाय! बपतिस्मा पाकर मेरी आत्मा भी सुन्दर थी। पर मेरे पापों के कारण वह सुन्दरता भी उड़ गई। हे मुक्तिदाता, तू ही उस सुन्दरता को लौटा दे सकता है। अपने दुःखभोग द्वारा ऐसा ही कर, हे येसु।
गीत :
ख्रीस्त के तन पर घाव थे कितने,
मानव पाप के क्रूर खेल जितने,
माँ ने आँखो देख लिए।।
सातवाँ स्थान
येसु दूसरी बार गिरते हैं। (स्तोत्र 38:6-22;यशायाह 63:9)
संचालक : हम तेरी आराधना करते हैं, हे ख्रीस्त, और तुझे धन्य कहते हैं।
सब : क्योंकि तूने अपने पवित्र क्रूस के द्वारा दुनिया को बचाया।
संचालक : दूसरी बार गिरने के कारण येसु के सिर और अंगों की पीड़ा और बढ़ती जाती है।
प्रार्थना : हे अति मधुर येसु, कितनी बार तूने मेरे पापों की क्षमा की और कितनी बार मैने अपने नए पापों से तुझे फिर अप्रसन्न किया है। कृपा करके तेरे दुबारा गिरने के पुण्यफलों के द्वारा, मुझे आवश्यक सहायता दे, जिससे मैं मरने तक कृपा की दशा में रहूँ। ऐसा कर कि हर परीक्षा में मैं जल्दी तेरे पास सहायता माँगने आऊँ।
गीत :
बेदिलासा वह मर जाता,
सब से त्यागा मुक्तिदाता,
घोर दुःख यह माँ के लिए।।
येरुसलेम की स्त्रियाँ येसु के लिए रोती-कलपती हैं। (संत लूकस 23:27-31)
संचालक : हम तेरी आराधना करते हैं, हे ख्रीस्त, और तुझे धन्य कहते हैं।
सब : क्योंकि तूने अपने पवित्र क्रूस के द्वारा दुनिया को बचाया।
संचालक : ये स्त्रियाँ येसु को लोहू-लुहान देख कर, दया से भर आई और रोने-कलपने लगीं। पर येसु ने उनसे कहा “हे येरूसलेम की पुत्रियों, मेरे लिए मत रोओ, पर अपने और अपने बालकों के लिए रोओ।”
प्रार्थना : हे शोक से भरे येसु, मैं अपने पापों के कारण रोता हूँ। इनके द्वारा मैं न केवल नरक के योग्य बन गया, परन्तु मैंने तुझे अप्रसन्न किया है,जब कि तूने मुझे इतना प्यार किया है। नरक और विशेष करके तेरे प्रेम का स्मरण करता हुआ, मैं अपने पापों के कारण रोता हूँ।
गीत :
आठवाँ स्थान
येरुसलेम की स्त्रियाँ येसु के लिए रोती-कलपती हैं। (संत लूकस 23:27-31)
संचालक : हम तेरी आराधना करते हैं, हे ख्रीस्त, और तुझे धन्य कहते हैं।
सब : क्योंकि तूने अपने पवित्र क्रूस के द्वारा दुनिया को बचाया।
संचालक : ये स्त्रियाँ येसु को लोहू-लुहान देख कर, दया से भर आई और रोने-कलपने लगीं। पर येसु ने उनसे कहा “हे येरूसलेम की पुत्रियों, मेरे लिए मत रोओ, पर अपने और अपने बालकों के लिए रोओ।”
प्रार्थना : हे शोक से भरे येसु, मैं अपने पापों के कारण रोता हूँ। इनके द्वारा मैं न केवल नरक के योग्य बन गया, परन्तु मैंने तुझे अप्रसन्न किया है,जब कि तूने मुझे इतना प्यार किया है। नरक और विशेष करके तेरे प्रेम का स्मरण करता हुआ, मैं अपने पापों के कारण रोता हूँ।
गीत :
प्रेमी माँ, तू प्रेम का सोता,
सिखा दुःख-ताप कैसा होता,
ओ! बाँट मुझे दुःख तेरा।।
येसु तीसरी बार गिरते हैं। (स्तोत्र 37:23-24; इब्रा. 4:15-16)
संचालक : हम तेरी आराधना करते हैं, हे ख्रीस्त, और तुझे धन्य कहते हैं।
सब : क्योंकि तूने अपने पवित्र क्रूस के द्वारा दुनिया को बचाया।
संचालक : येसु की निर्बलता अत्यन्त बढ़ गयी थी। साथ-साथ सिपाहियों की क्रूरता भी बढ़ती जाती थी। येसु तो मुश्किल से आगे चल सकते थे, तिस पर भी सिपाही कोड़ों की मार से उन्हें चलाते थे, कि जल्दी पहुँचें।
प्रार्थना : हे येसु, उस निर्बलता के पुण्यफलों द्वारा, जिसे तुझको कलवारी पहाड़ के रास्ते पर सहना पड़ा, मुझे यह आवश्यक बल दे, जिससे मैं लोक-लज्जा और अपने अवगुणों तथा बुरी इच्छाओं को जीत लूँ। इन्हीं के कारण मैंने तेरे प्रेम की कोई परवाह नहीं की है।
गीत :
नवाँ स्थान
येसु तीसरी बार गिरते हैं। (स्तोत्र 37:23-24; इब्रा. 4:15-16)
संचालक : हम तेरी आराधना करते हैं, हे ख्रीस्त, और तुझे धन्य कहते हैं।
सब : क्योंकि तूने अपने पवित्र क्रूस के द्वारा दुनिया को बचाया।
संचालक : येसु की निर्बलता अत्यन्त बढ़ गयी थी। साथ-साथ सिपाहियों की क्रूरता भी बढ़ती जाती थी। येसु तो मुश्किल से आगे चल सकते थे, तिस पर भी सिपाही कोड़ों की मार से उन्हें चलाते थे, कि जल्दी पहुँचें।
प्रार्थना : हे येसु, उस निर्बलता के पुण्यफलों द्वारा, जिसे तुझको कलवारी पहाड़ के रास्ते पर सहना पड़ा, मुझे यह आवश्यक बल दे, जिससे मैं लोक-लज्जा और अपने अवगुणों तथा बुरी इच्छाओं को जीत लूँ। इन्हीं के कारण मैंने तेरे प्रेम की कोई परवाह नहीं की है।
गीत :
येसु प्रेम का दान दे ऐसा,
तेरे दिल में ज्वलित जैसा,
ख्रीस्त तब लेगा दिल मेरा।।
दसवाँ स्थान
येसु के कपड़ों को उतारते हैं। (संत योहन19:23-24; स्तोत्र 22:16-18)
संचालक : हम तेरी आराधना करते हैं, हे ख्रीस्त, और तुझे धन्य कहते हैं।
सब : क्योंकि तूने अपने पवित्र क्रूस के द्वारा दुनिया को बचाया।
संचालक : सिपाहियों ने बड़ी क्रूरता और जबरदस्ती से येसु के कपड़ों को उतारा।फल यह हुआ कि शरीर से चिपटे हुए कपड़ों का खींचने से उसके सब घावफिर खुल गए और लोहू जोर से बहने लगा।
प्रार्थना : हे निर्दोष येसु, इस नए दुःख के पुण्यफलों के द्वारा मुझे यह कृपा दे, कि मैं दुनियाई और शारीरिक चिन्ताओं को त्याग दूँ,और अपना पूरा प्रेम तुझी पर रख दूँ। तू ही मेरे प्रेम के योग्य है।
गीत :
माता, येसु के घाव प्यारे,
मेरी मुक्ति के दाम सारे,
अंकित कर मेरे दिल में।।
ग्यारहवाँ स्थान
येसु क्रूस पर ठोंके जाते हैं। (संत लूकस23:33-43; संत योहन 19:1)
संचालक : हम तेरी आराधना करते हैं, हे ख्रीस्त, और तुझे धन्य कहते हैं।
सब : क्योंकि तूने अपने पवित्र क्रूस के द्वारा दुनिया को बचाया।
संचालक : सिपाहियों ने येसु को क्रूस पर पटक दिया। वह अपने हाथ फैलाते हैं, और हमारी मुक्ति के लिए अपने शाश्वत पिता को अपने प्राणों का बलिदान चढ़ाते हैं। वे निष्ठुर लोग उन्हें कीलों से क्रूस पर ठोंकते हैं। फिर क्रूस को खड़ा करके और गाड़के, वे उन्हें भयानक कष्ट में अपमान के साथ क्रूस पर मरने देते हैं।
प्रार्थना : हे निन्दा से लदे हुए येसु, मेरा हृदय सदा तेरे चरणों में लीन रहे, तुझे प्यार करे, और तुझको कभी न छोड़ दे।
गीत :
जो कुछ पूत ने दुःख उठाया,
तूने दुःख में दुःख मिलाया,
साथ कर ले तेरे दुःख में।।
येसु क्रूस पर मर जाते हैं। (संत योहन19:28-37; संत मत्ती 27:50)
संचालक : हम तेरी आराधना करते हैं, हे ख्रीस्त, और तुझे धन्य कहते हैं।
सब : क्योंकि तूने अपने पवित्र क्रूस के द्वारा दुनिया को बचाया।
[यहाँ पर थोड़ी देर मौन-धारण, पछतावे की विनती, कोई विशेष प्रार्थना या गीत गायन आदि किया जा सकता है। यह भक्तजनों पर निर्भर करता है]
संचालक : क्रूस पर तीन घंटों तक मरणसंकट के असह्य कष्ट झेलने के बाद येसु अपना सिर झुकाते और मर जाते हैं।
प्रार्थना : हे मरते हुए येसु, जिस क्रूस पर तू मेरे लिए मर गया, उसको मैं बड़ी भक्ति से चूमता हूँ। अपने पापों के कारण मैं बुरे मरण के योग्य बन गया, पर तेरा मरण मेरा आसरा है। अपने मरण के पुण्यफलों के द्वारा मुझे यह कृपा दे, कि मैं तेरे पाँवों की शरण लेकर तेरे प्रेम में मर जाऊँ। मैं अपनी आत्मा तेरे हाथों सौंप देता हूँ।
गीत :
बारहवाँ स्थान
येसु क्रूस पर मर जाते हैं। (संत योहन19:28-37; संत मत्ती 27:50)
संचालक : हम तेरी आराधना करते हैं, हे ख्रीस्त, और तुझे धन्य कहते हैं।
सब : क्योंकि तूने अपने पवित्र क्रूस के द्वारा दुनिया को बचाया।
[यहाँ पर थोड़ी देर मौन-धारण, पछतावे की विनती, कोई विशेष प्रार्थना या गीत गायन आदि किया जा सकता है। यह भक्तजनों पर निर्भर करता है]
संचालक : क्रूस पर तीन घंटों तक मरणसंकट के असह्य कष्ट झेलने के बाद येसु अपना सिर झुकाते और मर जाते हैं।
प्रार्थना : हे मरते हुए येसु, जिस क्रूस पर तू मेरे लिए मर गया, उसको मैं बड़ी भक्ति से चूमता हूँ। अपने पापों के कारण मैं बुरे मरण के योग्य बन गया, पर तेरा मरण मेरा आसरा है। अपने मरण के पुण्यफलों के द्वारा मुझे यह कृपा दे, कि मैं तेरे पाँवों की शरण लेकर तेरे प्रेम में मर जाऊँ। मैं अपनी आत्मा तेरे हाथों सौंप देता हूँ।
गीत :
तेरे संग में दिन-रात रोना,
ख्रीस्त के दुःख में भागी होना,
कृपा मुझे माँ मिले।।
तेरहवाँ स्थान
येसु क्रूस पर से उतारे जाते हैं। (संत योहन19:38-40; स्तोत्र 22:14-15)
संचालक : हम तेरी आराधना करते हैं, हे ख्रीस्त, और तुझे धन्य कहते हैं।
सब : क्योंकि तूने अपने पवित्र क्रूस के द्वारा दुनिया को बचाया।
संचालक : येसु के मरने के पीछे दो चेले, योसेफ और निकोदिम, येसु को क्रूस पर से उतारते हैं। वे येसु को उनकी दुःखित माता की गोद में रख देते हैं। वह अकथनीय प्रेम के साथ, उन्हें अपनी छाती से लगाती हैं।
प्रार्थना : हे दुःखों की माता, अपने पुत्र के प्रेम के कारण मुझे अपना दास बना, और मेरे लिए विनती कर। और तू मेरे मुक्तिदाता, तू तो मेरे लिए मर गया, मैं तुझे प्यार करूँ। क्योंकि तेरे सिवाय मैं किसी को अधिक नहीं चाहता।
गीत :
क्रूस के नीचे घोर संताप में,
तेरा साथ देना विलाप में,
मेरी प्रबल लालसा ले।।
चौदहवाँ स्थान
येसु कब्र में रखे जाते हैं। (संत मरकुस15:46-47; संत मत्ती 27:57-61)
संचालक : हम तेरी आराधना करते हैं, हे ख्रीस्त, और तुझे धन्य कहते हैं।
सब : क्योंकि तूने अपने पवित्र क्रूस के द्वारा दुनिया को बचाया।
संचालक : चेले लोग प्रभु का शरीर उठाके गाड़ने के लिए ले जाते हैं। मरियम उनके साथ जाती है, और अपने हाथों से कब्र को ठीक करती है। फिर कब्रबन्द करके सब कोई वहाँ से बड़े दुःख में चले जाते हैं।
प्रार्थना : हे येसु, मैं तेरी कब्र का पत्थर बड़ी भक्ति से चूमता हूँ। तू तो तीसरे दिन फिर जी उठा। मैं हाथ जोड़ के तुझसे विनती करता हूँ कि तेरे जी उठने द्वारा मैं भी तेरे समान महिमा और प्रताप में जी उठूँ। इस भांति मैं स्वर्ग में सदा तुझसे संयुक्त रहूँगा और अनन्तकाल तक तेरी स्तुति करूँगा।
हे येसु मैं तुझे प्यार करता हूँ। मैं सारे हृदय से पछताता हूँ कि मैंने पाप किया है। ऐसा कर कि मैं फिर कभी तुझसे अलग न हो जाऊँ, पर सदा तुझे प्यार करूँ। जैसा तू चाहता है वैसा ही मेरे साथ कर।
क्रूस के सामने विनती
हे प्रभु येसु, तूने मेरे प्रेम के कारण क्रूस पर पाँच घाव पाए हैं, उनके द्वारा मुझे, अपने दास को,जिसे अपने अनमोल लोहू द्वारा बचाया,सहायता दे। हे येसु, कहाँ तक तूने मुझको प्यार नहीं किया?
मेरे प्रेम के कारण तू क्रूस पर मर गया, मुझको बचा। हे मनुष्यजाति के मुक्तिदाता, सब पापियों पर दया कर, और अपनी बड़ी दया से उनके पापों को मिटा दे। आमेन।
एक टिप्पणी भेजें